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Thursday, October 23, 2025
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UKSSSC परीक्षा लीक: कांग्रेस ने सरकार और आंदोलनकारी नेताओं से मांगा जवाब, CBI जांच का स्टेटस बताएं

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले को एक महीना पूरा होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया। साथ ही, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र संगठनों और युवा नेताओं को भी कठघरे में खड़ा करते हुए तीन बड़े सवालों का जवाब मांगा। धस्माना ने कहा कि लीक मामले की सीबीआई जांच का क्या स्टेटस है, परीक्षा किसने लीक करवाई और आयोग अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया को अब तक क्यों नहीं हटाया गया।

एक महीने में बदला सुर, लेकिन जांच पर सन्नाटा

धस्माना ने बताया कि 21 सितंबर को हुई परीक्षा के पेपर लीक होने के तुरंत बाद कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट किया था। पार्टी ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच, परीक्षा निरस्तीकरण और आयोग अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की थी। इसके बाद कांग्रेस ने राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ दिया। छात्रों और बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धरना स्थल पर पहुंचे और सीबीआई जांच की संस्तुति का ऐलान किया। उसी के साथ पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया, जिसने अगले ही दिन काम शुरू कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी।

आयोग को संस्तुति भेजते ही परीक्षा निरस्त घोषित कर दी गई और नई तिथि भी तय हो गई। धस्माना ने कहा, “पहले आठ दिनों तक सरकार पेपर लीक को मानने को तैयार नहीं थी। कांग्रेस पर राज्यवासियों को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। भाजपा आंदोलन को कांग्रेस प्रेरित, देश-विरोधी, सनातन-विरोधी, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ और ‘अर्बन नक्सल’ बता रही थी। लेकिन संस्तुति और परीक्षा रद्द होते ही आंदोलनकारी नेताओं ने सरकार का आभार माना, मुख्यमंत्री को फूलों का गुलदस्ता भेंट किया।”

अब एक महीना बीत चुका है। मुख्यमंत्री की सीबीआई जांच संस्तुति को 23 दिन हो गए, लेकिन कोई प्रगति नहीं। धस्माना ने सरकार और आंदोलनकारी नेताओं से पूछा, “सीबीआई जांच का स्टेटस क्या है? नकल माफिया और लीक करने वालों का पर्दाफाश होगा या नहीं? आयोग अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया, जो लीक को लेकर बार-बार मुकरते रहे, को पद से हटाया जाएगा या नहीं?” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि युवाओं को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कांग्रेस आगे की रणनीति बनाएगी।

नकल माफिया का पर्दाफाश जरूरी

धस्माना ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए नकल माफिया और पेपर लीक रैकेट का खुलासा अनिवार्य है। राज्य में बेरोजगारी चरम पर है और भाजपा की कथित संरक्षण में सक्रिय माफिया युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है। कांग्रेस ने शुरू से ही हाईकोर्ट जज की निगरानी में जांच की मांग की थी, लेकिन सरकार केवल संस्तुति तक सीमित रही।

भाजपा नेताओं के बयानों पर कांग्रेस का तंज

पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजपुर विधायक खजान दास को बधाई देते हुए कहा कि कांग्रेस के चार साल पुराने आरोपों पर आज उन्होंने मोहर लगा दी। खजान दास ने स्वीकार किया कि प्रभारी मंत्री अपने जिलों में नहीं जा रहे, जो कांग्रेस का पुराना आरोप था। इसी तरह, भाजपा के वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल ने ऑन-कैमरा पुष्टि की कि प्रदेश के अधिकारी मुख्यमंत्री व मंत्रियों के आदेशों का पालन नहीं कर रहे।

चुफाल ने डीडीहाट टैक्सी स्टैंड के रिटेनिंग वॉल के लिए मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद राशि न जारी होने का जिक्र किया, जो सोशल मीडिया और पत्रकारों को बताया। धस्माना ने कहा, “यह कांग्रेस के उस आरोप की पुष्टि करता है जिसमें राज्य में नौकरशाही के बेलगाम होने की बात कही गई थी। भाजपा के अपने नेता ही सरकार की पोल खोल रहे हैं।”

कांग्रेस का यह बयान राज्य की राजनीति में नया विवाद पैदा कर सकता है, खासकर जब बेरोजगारी और भर्ती घोटालों पर सियासत तेज हो रही है। युवा संगठनों से अपेक्षा है कि वे इन सवालों पर खुलकर बोलें।2.2sFastAsk anything

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