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Tuesday, October 21, 2025
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उत्तराखंड: केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोपवे का रास्ता साफ, 6,811 करोड रुपये स्वीकृत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तराखंड में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुरक्षित, सुगम और कम समय लेने वाला बनाना है। कुल 6,811 करोड़ की लागत वाली ये परियोजनाएं राज्य के बुनियादी ढांचे और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होंगी।

केदारनाथ रोपवे परियोजना
केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए वर्तमान में भक्तों को गौरीकुंड से करीब 16-17 किलोमीटर की पैदल, खच्चर या हेलीकॉप्टर यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें लगभग 8 से 9 घंटे लगते हैं। इस कठिन यात्रा को आसान बनाने के लिए, 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा।

इस परियोजना पर अनुमानित 4,081 करोड़ खर्च होंगे। यह रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनाया जाएगा। रोपवे के बनने से 9 घंटे का यह सफर केवल 36 मिनट में पूरा हो जाएगा। इसके माध्यम से प्रति घंटे एक दिशा में लगभग 1,800 यात्री और पूरे दिन में 18,000 यात्री इस रोपवे का उपयोग कर सकेंगे। परियोजना से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पूरे साल सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच कनेक्टिविटी बनी रहेगी।

हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना
हेमकुंड साहिब की यात्रा भी बेहद दुर्गम मानी जाती है। तीर्थयात्रियों को गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए 2,730 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। यह रोपवे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनेगा।

इसमें दो चरणों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (डक्ळ) तकनीक और घांघरिया से हेमकुंड साहिब (1.85 किमी) तक ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3ै) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस रोपवे से प्रति घंटे एक दिशा में 1,100 यात्री और पूरे दिन में 11,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे।

ये दोनों परियोजनाएं न केवल तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित बनाएंगी, बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह कदम धार्मिक स्थलों तक पहुंच को आसान बनाकर आध्यात्मिक और आर्थिक विकास को एक साथ बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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